आपके लिए पेश है करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान निबंध हिंदी में

karat karat abhyas ke jadmati hot sujan par nibandh

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करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान निबंध

प्रस्तावना : "करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान" का अर्थ है "मूर्ख व्यक्ति भी यदि निरन्तर मन लगाकर अभ्यास करे तो वह समझदार बन सकता है" अभ्यास का जीवन में बहुत महत्व है। अभ्यास से जीवन में आशानुरूप परिवर्तन होता जाता है।

बहुत कम व्यक्ति होते हैं जो जन्म से ही सर्वगुण सम्पन्न होते हैं। इंसान का सर्वांगीण विकास, अभ्यास करने से ही होता है। निरन्तर प्रयास करने से ही इंसान के गुणों में निखार आता है। एक कुशल कवि, नाटककार, लेखंक या फिर हर किसी की सफलता के पीछे उसकी बरसों की मेहनत तथा निरन्तर अभ्यास होता है।

अभ्यास का महत्व : अभ्यास के महत्व को कोई भी नहीं नकार सकता। जब रस्सी को बार-बार पत्थर पर घिसने से पत्थर भी घिस जाता है, तो फिर इंसान का मन तो बहुत ही कोमल होता है । बार-बार किसी चीज को सुन्दर ढंग से मन लगाकर किया जाए तो उस कार्य में सफलता अवश्य मिलती है।

महान कवियों के उदाहरण : महाकवि वाल्मीकि आज संस्कृत के महान कवि माने जाते हैं। लेकिन प्रारम्भ में वे डाकू थे तथा एकदम मूर्ख थे। वे राम नाम को 'मरा-मरा” कहकर जपते थे। जब उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ तो वे अभ्यास करने लगे और निरन्तर अभ्यास से संस्कृत के प्रकाण्ड विद्वान बन गए।

संस्कृत के सुप्रसिद्ध विद्यान कालिदास के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था। वे भी एकदम निरक्षर तथा महामूर्ख थे। उन्हें तो "राष्ट्र" शब्द भी बोलना नहीं आता था। जब उनकी पत्नी विद्योतमा ने उसकी खिल्ली उड़ाकर उन्हें घर से निकाल दिया तो वे मन से अभ्यास करने लगे। इसी अभ्यास की ताकत से उन्होंने तीन ग्रंथ लिख डाले।

इसी प्रकार लार्ड डिजरापली अभ्यास करके अच्छे वक्‍ता बन गए थे। किंग ब्रूस ने भी अभ्यास द्वारा ही असफलता को सफलता में बदल डाला था। प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी ध्यानचंद ने भी अभ्यास द्वारा ही विश्व में प्रसिद्धि प्राप्त की । मुहम्मद गौरी तो सोलह बार युद्ध में पराजित होता गया, लेकिन सत्रहवीं बार में जीत को प्राप्त किया था। इसके अतिरिक्त अन्य उदाहरण भी इसी बात का प्रमाण देते हैं कि अभ्यास द्वारा ही मानव सम्पूर्णता की ओर बढ़ सकता है।

उपसंहार : आज जितने भी सफल खिलाड़ी हैं, कलाकार हैं, गायक हैं सभी हर दिन अभ्यास करके ही सफलता के शिखर को छू पाते हैं। यही जीवन में सफलता तथा उन्नति का मूल-मन्त्र है। यह वह संजीवनी बूटी है, जिससे किसी भी समस्या का हल ढूंढा जा सकता है। अंग्रेजी में भी एक कहावत है-

"Practice makes a man perfect"

पूर्णा तो अभ्यास से ही आती है।



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