आपके लिए पेश है प्रदुषण की समस्या पर निबंध हिंदी में (pollution essay in hindi) इस निबंध में प्रदुषण की समस्या के बारे में काफी सारी बाते लिखी गई है।

pollution essay in hindi

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प्रदुषण की समस्या निबंध हिंदी

प्रस्तावना : हमारे पर्यावरण की रचना वायु, जल, मिट्टी, पेड़-पौधे तथा पशुओं को मिलाकर होती है। प्रगति के ये सभी महत्त्वपूर्ण भाग पारस्परिक संतुलन बनाए रखने के लिए एक-दूसरे पर आश्रित हैं। लेकिन जब कभी भी मनुष्य इनमें असंतुलन पैदा करने का प्रयास करता है तभी हम सबका जीवन भी खतरे में पड़ जाता है। यह असन्तुलन प्रदूषण को जन्म देता है। प्रदूषण मुख्य रूप से तीन प्रकार का होता है-वायु प्रदूषण, जलप्रदूषण तथा ध्वनि प्रदूषण ।

वायु-प्रदूषण-कारण व प्रभाव : जब कभी वायु में कार्बबनडाइआक्साइड की मात्रा अधिक. हो जाती है तो वायु-प्रदूषण बढ़ जाता है। वायु प्रदूषण का तेजी से बढ़ने का कारण कारों, ट्रकों, इंजनों आदि से निकलने वाला धुआँ है। आज हमारे देश में औद्योगिकरण खूब उन्नति पर है। कल-कारखानों से निकलने वाला धुआँ वातावरण में कार्बन की मात्रा को 16% से कही ज्यादा बढ़ा देता है, जिससे आसपास रहने वाले लोगों को श्वांस रोग तथा नेत्र रोग हो जाते हैं। जब यह कार्बन डाइ-ऑक्साइड साँस लेने पर मनुष्य के शरीर में पहुँचती है तो वह खून की लाल कणिकाओं में ऑक्सीजन की संचित क्षमता को कम कर देती है। जिससे चक्कर आना, सिर में दर्द होना तथा घबराहट आदि होने लगती है। कभी-कभी तो इंसान की मौत भी हो जाती है।

जल-प्रदूषण-कारण व प्रभाव : जल-प्रदूषण का मुख्य कारण तालाब, कुएँ, नदियों तथा पानी के दूसरे स्रोतों का दूषित होना होता है। इन स्रोतों के जल में नालियों की गंदगी के गिरने व इनमें आस-पास मल त्याग करने से भी ये गन्दे हो जाते हैं। लोग नदियों इत्यादि में पूजा की सामग्री इत्यादि भी फेंक देते हैं। जानवरों के नहलाने, कपड़े धोने, प्लास्टिक की थैलियाँ इत्यादि फेंकने से भी इनका जल गन्दा हो जाता है। जल-प्रदूषण से अनेक बीमारियाँ फैल जाती हैं। जब गंदा पानी पेट में चला जाता है तो उससे आंत्रशोध तथा हैजा आदि फैल जाता है।

ध्वनि-प्रदूषण-कारण व प्रभाव : ध्वनि प्रदूषण मुख्य रूप से वायु में अणुओं के बीच की दूरी को कम अथवा अधिक होने से पैदा होता है। यह समस्या बड़े-बड़े नगरों में अधिक पाई जाती है। सड़क पर चलते भारी वाहन, रेलगाड़ियों के आवागमन का शोर, लाउडस्पीकरों का शोर, हॉर्न की आवाज, जेटयान तथा अंतरिक्ष में रॉकेट आदि को छोड़ने से उत्पन्न होने वाली तीव्र आवाज ध्वनि प्रदूषण पैदा करते हैं। आजकल इस प्रकार का प्रदूषण बहुत फैल रहा है क्योंकि सड़कों पर वाहन बढ़ते ही जा रहे हैं। ध्वनि प्रदूषण हमारी सुनने की शक्ति पर बहुत बुरा असर डालता है। इससे हमारे सिर में दर्द, नींद न आना, बेचैनी, हृदय गति तथा रक्त चाप बढ़ना जैसी बीमारियाँ हो जाती हैं।

प्रदूषण को दूर करने के उपाय : इस दिशा में हमें बहुत जागरूक होने की आवश्यकता है। आजकल प्रदूषण हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती है। यदि इसे दूर करने या कम करने के उपाय नहीं किए गए, तो धरती पर साँस लेना भी दूभर हो जाएगा। इस समस्या के समाधान के लिए वृक्षों को काटने से रोककर अधिक से अधिक वृक्षों को लगाना चाहिए। बढ़ते उद्योगों पर अंकुश लगाना चाहिए या फिर उसे शहर से बाहर स्थापित किया जाना चाहिए । प्लास्टिक की थैलियों का प्रयोग निषेधित कर देना चाहिए तथा वाहनों में "साइलेंसर" लगवाने चाहिए। लोगों में प्रदूषण के प्रति जागरूकता पैदा करके ही इस प्रदूषण रूपी दानव से मुक्ति पाई जा सकती है।


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