आपके लिए पेश है बेरोजगारी पर निबंध हिंदी में (berojgari par nibandh hindi) इस निबंध में बेकरी की समस्या के बारे में काफी सारी बाते लिखी गई है।

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बेरोजगारी पर निबंध हिंदी

भूमिका : जहाँ एक ओर भारतवर्ष शिक्षा के क्षेत्र में, विज्ञान के क्षेत्र में, चिकित्सा के क्षेत्र में तथा तकनीकी क्षेत्र में दिन दूनी रात चौगुनी प्रगति कर रहा है वहीं यह अनेक समस्याओं से भी जूझ रहा है। जनसंख्या-वृद्धि, अशिक्षा, बालश्रम, बाल-विवाह तथा बेकारी की समस्याएँ हमारे देश के नाम पर कलंक है। हमारे देश में बेकारी की समस्या दूसरे महायुद्ध के समाप्त होते-होते बढ़ने लगी थी और आज यह अपनी पराकाष्ठा पर है।

बेरोजगारी के प्रकार : बेरोजगारी की समस्या दो प्रकार की है। एक वर्ग शिक्षित बेरोजगारी का है तो दूसरा वर्ग अशिक्षित बेरोजगारी का। दोनों ही प्रकार की बेरोजगारी बहुत घातक होती है।

बेकारी बढ़ने के कारण : शिक्षित वर्ग की बेकारी की समस्या का एकमात्र कारण है आज की दूषित शिक्षा प्रणाली। इस प्रणाली की नींव अंग्रेजों ने डाली थी। वे तो भारतीयों से अपनी गुलामी करवाना चाहते थे इसलिए वे भारतीयों को ऐसी प्रणाली देना चाहते थे जिससे वे केवल क्लर्क बन सके, कोई अफसर नहीं और न ही अपना कोई रोजगार कर सके। वर्तमान शिक्षा प्रणाल्री हमें केवल पुस्तकीय ज्ञान देती है, जिसे प्राप्त करके हम केवल नौकरी ही कर सकते हैं, कोई काम-धन्धा नहीं कर सकते। बेरोजगारी की समस्या का दूसरा कारण है तेजी से बढ़ती जनसंख्या। देश के साधन और उत्पादन तो उतने ही हैं लेकिन उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ती जा रही है, तभी तो महंगाई भी बढ़ रही है। अंग्रेजों ने देश के छोटे कुटीर उद्योगों को भी आगे नहीं बढ़ने दिया जिसकी सहायता से पहले लोग अपनी रोजी-रोटी कमा लेते थे। देश की सामाजिक तथा धार्मिक परम्पराएँ भी इस समस्या को बढ़ाने में हिस्सेदार हैं। अशिक्षित बेरोजगारी तो बहुत ही हानिकारक है। अशिक्षित लोग अपने दायरे से बाहर ही नहीं आना चाहते। वे अंध-विश्वासों तथा कुरीतियों के शिकार हैं। जनसंख्या की वृद्धि उन्हीं लोगों की सीमित सोच का दुष्परिणाम है।

बेकारी के दुष्परिणाम : बेरोजगारी ने आज के युवा वर्ग में आक्रोश तथा असंतोष पैदा कर रखा है। आज का पढ़ा-लिखा युवा वर्ग चोरी, डकैती, लूटमार, भ्रष्टाचार, हत्या आदि को अपनी कमाई का माध्यम बना रहा है। उसके खर्च तो बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन पैसा नहीं है क्योंकि उसके पास काम ही नहीं है वह पूरी दुनिया को अपना दुश्मन समझता है इसीलिए आज देश में इतने गुनाह हो रहे हैं।

समस्या का निदान : इस समस्या का समाधान पाने के लिए सरकारी तथा निजी तौर पर भी अनेक ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। सर्वप्रथम तो सरकार की वर्तमान शिक्षा प्रणाली को बदलना चाहिए। शिक्षा ऐसी हो, जिससे यदि नौकरी न भी मिले तो कम से कम वह शारीरिक मेहनत करके अपनी रोजी-रोटी कमा सके। बढ़ती जनसंख्या पर भी रोक लगानी होगी, इसके लिए परिवार नियोजन के तरीकों को अपनाना होगा। लघु तथा कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहित करना होगा। अशिक्षितों को पढ़ाने के लिए 'सर्व शिक्षा अभियान' चलाना होगा, जिससे अशिक्षित वर्ग अज्ञानता के अंधकार से बाहर आ सके। हमारी धार्मिक मान्यताओं में भी बदलाव की आवश्यकता है। इन सब- उपायों को अपनाकर ही देश से इस बेकारी की समस्या को दूर किया जा सकता है तथा युवा वर्ग की योग्यता का सही रूप में प्रयोग किया जा सकता है।


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